प्रदोष शिव व्रत है,प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है|इसमें उस कालावधि तक उपवास रखकर शिव पूजा करके उपवास समाप्त किया जाता है|प्रदोष व्रत के चार प्रकार हैं – शनिवार को आने वाले प्रदोष ‘शनि प्रदोष’के नाम से जाना जाता है|उत्तम गुण संपन्न पुत्र प्राप्ति की कामना से शनि …
Read More »कालसर्प योग की शांति शिवपूजन से करें?
कालसर्प एक ऐसा योग है,जिसमे व्यक्ति जहा से चलता है,लौटकर वहीँ आ जाता है|कारोबार या नौकरी में व्यक्ति हजारों-लाखों कमाता है,और एक ही दिन में उसका कमाया धन नष्ट हो जाता है|तात्पर्य यह है कि यह वो योग है,जो सांप-सीढी के खेल में 99 आने पर सर्प काट लेता है …
Read More »संकट निवारण महामृत्युंजय मन्त्र से क्यों ?
प्राचीन ग्रंथों में भगवन शिव को प्रसन्न करने,अकालमृत्यु से बचने तथा असाध्य रोगों से मुक्त होने के लिए भगवन शिव के महामृत्युंजय मन्त्र के जाप का उल्लेख किया गया है|इस जप के प्रभाव से व्यक्ति मौत के मुह में जाने से भी बच जाता है| यदि मारक गृह-दशाओं के …
Read More »14/15 जनवरी को हैं,मकर संक्रांति क्या करे अपनी राशि के अनुसार दान?
मकर संक्रांति दान, उपाय और फल पढ़ें राशि अनुसार… 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति, क्या जीवन में लाएगी शांति? 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। आइए जानते हैं इस दिन अपनी राशि के अनुसार क्या दान करें कि हर तरह से शुभता मिले। 1. मेष- जल में पीले पुष्प, हल्दी, …
Read More »मोक्षदा एकादशी का व्रत
अगहन शुक्ल पक्ष एकादशी दत्त जयंती तथा ‘मोक्षता’ एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है|इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने माहाभारत युद्ध प्रारंभ होने के पूर्व मोहित हुए अर्जुन को श्रीमद भगवद्गीता का उपदेश दिया था|इस दिन श्री कृष्ण व गीता की पूजा आरती करके,उसका पाठ करना चाहिए|गीता में भगवान श्री …
Read More »उत्पन्ना एकादशी का महत्व और कथा
यह व्रत माघशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में किया जाता है|इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विधान है|व्रत रखने वालों को दशमी के दिन-रात में भोजन नहीं करना चाहिए|एकादशी के दिन ब्रह्म बेला में भगवान की पुष्प,जल,धूप,अक्षत से पूजन करके निराजना करनी चाहिए|इस व्रत में केवल फलों का …
Read More »भैया दूज टीका
यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है|यह भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है|इस दिन भाई-बहन को साथ-साथ यमुना स्नान करना,तिलक लगवाना तथा बहन के घर भोजन अति फलदाई होता है|इस दिन बहन भाई की पूजा कर उसके दीर्घायु तथा अपने सुहाग की हाथ जोड़ यमराज से …
Read More »जो कुम्भ या माघ में प्रयागराज न जा सके,वे पुण्यलाभ कैसे करें ?
जो प्रयागराज न जा सके,वे पुण्यलाभ कैसे करें ? जो श्रद्धालु लोग प्रयाग न जा सके तो वे केवल माघ मास में अथवा केवल इस अर्धकुम्भ पर्व के दिन किसी भी समीपस्थ महानदी के संगम पर;वहां भी न जा सके तो किसी महानदी में;वहां भी न पहुँच सकें तो किसी …
Read More »2019 के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय तथ्य, चार विशेष योग में नववर्ष का हुआ सूर्योदय
2019 के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय तथ्य, चार विशेष योग में नववर्ष का हुआ सूर्योदय- वर्ष 2018 की विदाई के साथ ही नववर्ष 2019 लोगो केलिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा, नए साल का शुभारम्भ मंगलवार स्वाति नक्षत्र, एकादशी तिथि के साथ चार विशेष योगो के संयोग में हा रहा है| नए …
Read More »मांग में सिन्दूर भरना सुहाग की निशानी क्यों?
मांग में सिन्दूर भरना सुहाग की निशानी क्यों? विवाह के अवसर पर एक संस्कार के रूप में वधू की मांग में वर सिन्दूर भरता है| इसे ही सुमंगली क्रिया कहते है| इसके पश्चात् विवाहित स्त्री अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए जीवन भर मांग में सिन्दूर लगाए रखती …
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