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धर्मराज-व्रत

धर्मराज व्रत – मकर संक्रान्ति से लेकर दूसरी मकर संक्रान्ति तक सभी संक्रांतियों का व्रत व पूरे वर्ष में एक समय भोजन करना चाहिए |

विधि- 13 जोड़ा या ब्राह्मण भोजन करवाए, बांस की छाबड़ी में 5 किलो जवार,मोती की लड़, छत्ता, चांदी की नाव,सोने की पतवार,चांदी का खेवटिया, सोने की निसरानी,चांदी के चाँद सूरज स्वस्तिक व चित्र गुप्त जी की मूर्ति बनवाए, चांदी का दरवाजा, आदि बनवाकर विद्वान ब्राह्मण द्वारा हवनादि कार्य करवाकर गो आदि दान करे | धर्मराज के उद्यापन से पूर्व पोपा बाई का उद्यापन भी करे, 13 पद दान करे, सो सेरी(सो वस्तुओ) का दान करे|

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