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पति-पत्नि विरहपीड़ा विनाशक स्तोत्र/परिवार में कलह पति पत्नी मे हो रहे झगड़ो से दिलाएगा निजात

Astrowelfare foundation Nokha, bikaner(raj.) Mo. 9950816391 www.astrowelfare.com Gajanan shastri ।। पति-पत्नि विरहपीड़ा विनाशक स्तोत्र ।। पति-पत्नि में क्लेश, वाद-विवाद या पत्नि के रुठकर पीहर चले जाने आदि कारणों से उत्पन्न विरह-पीड़ा इस स्तोत्र का पाठ करने से दूर होती है एवं दोनों में प्रेम भाव बना रहता है । शिव …

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रक्षाबंधन (श्रावणी पूर्णिमा) कब बांधे बहनें अपने भाइयों को राखी?

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रक्षाबंधन (श्रावणी पूर्णिमा) अपराह्ण व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा में रक्षाबंधन किया जाता है| भद्रा में यह नहीं होता-“भाद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा|” जब पहले दिन अपराह्ण में भद्र हो,दुसरे दिन पूर्णिमा मुहूर्तत्रयव्यापिनी हो और भले ही वह अपराह्ण से पूर्व ही समाप्त हो जाए,तब रक्षाबंधन दुसरे ही दिन अपराह्ण …

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2022 में ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) शुक्ल-कृष्ण-यजु -उपाकर्म रक्षाबंधन कब और क्यों?

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1.ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) श्री मार्तंड,निर्णयसागर,त्रिकाल,भास्कर आदि पंचान्गानुसारेण| ऋग्वेदियों के इस उपाकर्म (ऋक् उपाकर्म)के तीन काल हैं- (i)श्रावण शुक्ल में श्रवण नक्षत्र| (ii)श्रावण शुक्ल पंचमी (iii)श्रावण शुक्लान्तर्गत हस्त नक्षत्र| इनमे श्रवण नक्षत्र इनके उपाकर्म का मुख्यालय है|श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढ़ा से अविद्ध (अस्पृष्ट)हो,संक्रांति/ग्रहण से अदूषित हो,तब यह उपाकर्म किया जाता है|इस …

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2022 निर्जला एकादशी व्रत कब और क्यों?

इस वर्ष 10 जून 2022 को एकादशी दशमी विद्धा है, और अगले दिन यानी 11 जून 2022 को एकादशी द्वादशी युता है। इस स्थिति में द्वादशी क्षय हो जाती हैं। तथा कुछ उत्तर पश्चिम क्षेत्रों मे एकादशी क्षय हो रही हैं। दोनों ही स्थितियों में स्मार्तों को सूर्योदय वेधवती दशमी …

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2022 गंगा दशहरा कब और क्यों ? जाने संपूर्ण जानकारी।

शास्त्र मतों के अनुसार पूर्वान्ह व्यापिनी ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगादशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष 10 जून 2022 को दशमी केवल 7:26am तक ही विद्यमान है। जबकि 9 जून 2022 को दशमी 8:22am से लेकर सारे दिन विद्यमान रहेगी। अतः स्पष्ट है कि पहले दिन यानी की 9 जून …

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13 अप्रैल 2021से हरिद्वार में ‘कुम्भ-महापर्व’ (कुम्भ का माहात्म्य और उसकी स्नान-तिथियाँ)

ज्योतिर्विद रामगोपाल शास्त्री – रामगोपाल शास्त्री पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त अमृतकलश को इन्द्र का पुत्र जयन्त राक्षसों से दूर देवताओं की अनुमति से लेकर भागा तो राक्षसों और देवताओं के लिए बारह दिव्य दिन(बारह सौर वर्ष)तक घमासान युद्ध हुआ|इस युद्ध के दौरान अमृतकलश को राक्षसों से बचाने के …

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पुरुषोत्तम मास (अधिकमास या मलमास): (18 सितंबर से 16 अक्टूबर)में क्या करें क्या न करें।

पुरुषोत्तम मास (अधिकमास या मलमास): (18 सितंबर से 16 अक्टूबर) हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त महीने का प्राकट्य होता है, जिसे अधिकमास, मल मास या पुरूषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस माह का अति विशेष महत्व है। संपूर्ण भारतवर्ष में धर्मपरायण …

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जीवित्पुत्रिका व्रत2020 जितिया पर्व विधि

तीन दिन का जितिया व्रतसप्तमी का दिन नहाय खाय होता है, अष्टमी को निर्जला उपवास रखा जाता है और फिर नवमी के दिन व्रत पारण किया जाता है. Jivitputrika Vrat 2020 Dates नहाय खाय- सप्‍तमी, 9 सितंबर, बुधवार निर्जला व्रत- अष्‍टमी, 10 सितंबर, गुरुवार पारण- नवमी, 11 सितंबर, शुक्रवार पांचांग …

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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय

घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति। पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने …

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राहु केतु जनित कालसर्प व नागदोष को आज नाग पंचमी को ऐसे करें शान्त जाने विधि

🌸नागपंचमी🌸 👉 श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है, इस पर्व पर प्रमुख नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और भक्त नागदेवता के दर्शन व पूजा करते हैं, सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर-घर में इस दिन नागदेवता की …

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