तुलसी तैला व्रत कार्तिक शुक्ल पक्ष आंवला नवमी से एकादशी तक निराधार रहकर होता है| तिथि क्षय वृद्धि में व्रत नहीं होता हैं, कार्तिक शुक्ल देवप्रबोधिनी एकादशी को तुलसी विवाह एवं उद्यापन करना चाहिए ||
तुलसी तैला व्रत कार्तिक शुक्ल पक्ष आंवला नवमी से एकादशी तक निराधार रहकर होता है| तिथि क्षय वृद्धि में व्रत नहीं होता हैं, कार्तिक शुक्ल देवप्रबोधिनी एकादशी को तुलसी विवाह एवं उद्यापन करना चाहिए ||