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अक्षपाद महर्षि गौतम वेद विद्यालय के तत्वावधान में हुआ श्रावणी उपाकर्म एवं यज्ञोपवीत संस्कार

अक्षपाद महर्षि गौतम वेद विद्यालय नोखा के तत्वावधान में आयोजित श्रावणी उपाकर्म एवम उपनयन संस्कार महोत्सव सोमवार को विधि विधान और धूम धाम से कोलायत जी के पंचमंदिर प्रांगण में गायत्री मंत्र देने के साथ ही सम्पन्न हुआ , प्राचार्य गजानंद जी शास्त्री ने बताया कि यज्ञोपवीत धारण करने के …

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मेष(aries)राशिफल 2022/23

मेष :- चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,अ(ल=लृ,अ=अं,आ) , मेष :- चु चे चो ला ली ले लो अ (ल=लृ,अं=आ) इस पुरे वर्ष में आपका राश्येष मंगल पराक्रम स्थान से राज्य स्थान तक चलेगा जो परिश्रम से राजयोग,सफलता,व्यवसाय में प्रगति लाभ,विजय कारक वर्ष रहेगा|पुरे वर्ष में गुरु 11वे चलेगा जो शुभकार्यों में खर्च,भाग्य में धन …

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तुला (libra)राशिफल-2022/23

तुला :- रा री रु रे रो ता ति तु ते (र=ऋ,त=तृ,त्रि) इस पुरे वर्ष में मकर स्व शनि चौथे ढैय्या पनौती लोह के पाया अश्व वाहन पर चलेगी|वैसे शनि पनौती संघर्ष देती है|गलत मार्ग पर चलने से दण्डित भी करती है तथापि स्व शनि संपत्ति सुख,संतान सुख,मनोबल वृद्धि कारक …

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घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय

घर के प्रेत या पितर रुष्ट होने के लक्षण और उपाय〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति। पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने …

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यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष बन रहा है, तो आज ग्रहण में करें ये उपाय शीघ्र होगा लाभ।

🙏🏻 राधे राधे 🙏🏻 🌒 सूर्य ग्रहण 🌘 जिनकी भी जन्म कुंडली मे 🌞सूर्यकेतु के साथ युति में हो वे सभी अपने स्थानीय सूर्य ग्रहण के समय🌞 सूर्य ग्रहण दोष निवारण विधि अवश्य करे ग्रहण काल मे वेद लगने से पूर्व अपने घर की सभी खाने पीने की वस्तु में …

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कंकणाकृति /खंडग्रास सूर्य ग्रहण 21/06/2020 संपूर्ण जानकारी

इस वर्ष में कुल ग्रहण astrowelfare.com एक ही विडियो में ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी। इस विक्रम संवत 2077 के अंतर्गत भू-मंडलीय गृह गणना नियामक 5 ग्रहणों का प्रारूप गनितागत प्राप्त हो रहा है|इसमें से 2 सूर्य ग्रहण तथा 3 मान्द्य चंद्रग्रहण होंगे|परन्तु भारतवर्षीय भू भाग देश में एक सूर्य ग्रहण …

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अग्नि के फेरे क्यों ?

अग्नि पृथ्वी पर सूर्य की प्रतिनिधि है|सूर्य जगत की आत्मा तथा विष्णु का रूप है|अतः अग्नि के समक्ष फेरे लेने का अर्थ है-परमात्मा के समक्ष फेरे लेना|अग्नि ही वह माध्यम है जिसके द्वारा यज्ञीय आहुतियाँ प्रदान करके देवताओं को पुष्ट किया जाता है|इस प्रकार अग्नि के रूप में समस्त देवताओं …

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रुद्राक्ष सिद्धि कैसे ?

रुद्राक्ष एक वनस्पति है|इसके पेड़ पर बेर जैसे फल लगते हैं|कहा जाता है कि त्रिपुरासुर का वध करते समय रुद्रावतार धारण किये भगवान शंकर की आँखों से बहने वाला जल रुद्राक्ष के रूप में पृथ्वी पर साकार हुआ|रुद्राक्ष की शक्ति एंव औषधि गुण प्रयोगशाला में जांच करने के बाद सिद्ध …

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जप कैसे करें?

जप के मुख्यतः चार प्रकार हैं-पहला वैखरी,दूसरा उपांशु और तीसरा पश्यन्ति और चौथा परा|किसी भी परश्चरण के लिए मानसिक जप की ही आवश्यकता रहती है|कोई भी मन्त्र एकदम मानसिक रीति से नहीं जपा जा सकता है|इसके लिए प्रारंभ में उस मन्त्र को वैखरी से ही जपना चाहिए|वैखरी जप का अर्थ …

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हरि ॐ का उच्चारण क्यों ?

वेठ पाठ के आरंभिक मंत्रोच्चारण से पूर्व ‘हरि ॐ’का उच्चारण करना वैदिकों की परंपरागत प्रणाली है,इसका तात्पर्य यह है कि वेद के अशुद्ध उच्चारण में महापातक लगता है और अत्यधिक सावधान रहने पर भी मनुष्य सुलभ स्वर वर्ण वृद्धावास्थाजन्य अशुद्धि हो जाने की पूरी सम्भावना रहती है|  अतः इस संभावित …

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