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कंकणाकृति खंडग्रास सूर्यग्रहण (26 दिसम्बर,2019ई.)

ज्योतिर्विद गजानन शास्त्री ने बताया कि यह कंकणाकृति,खंडग्रास सूर्यग्रहण 26 दिसम्बर सन्2019 ई.को पौषी अमावस गुरुवार के दिन समस्त भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा|

 दक्षिण भारत में कर्नाटक,केरल व तमिल नाडू के कुछ नगरों में इस ग्रहण की कंकणाकृति भी देखने को मिलेगी|

यह ग्रहण विश्व के रशिया,ऑस्ट्रेलिया एंव सोलोमन द्वीप आदि अन्य देशों में भी दिखाई पड़ेगा|

कंकण सूर्यग्रहण का सूतक – इस ग्रहण का सूतक 25 दिसम्बर 2019ई.को सांय 8 बजकर 0 मिनट पर प्रारंभ होगा|तथा इस ग्रहण का प्रारंभ 26.12.2019 को सुबह 8 बजकर 10 मि.से होगा|मध्य-9 बजकर 21 मि.पर तथा मोक्ष-10 बजकर 51 मि.पर होगा|इसका पुण्य पर्वकाल दोपहर 2 बजकर 41 मि.तक रहेगा|ग्रहण काल के दौरान जप,पूजन,हवन,भजन,संकीर्तन मन्त्र-यंत्र सिद्धि करना शास्त्रों में उत्तम बताया है|

ग्रहण का राशिफल – इस ग्रहण का स्पर्श-मोक्ष मूल नक्षत्र एंव धनु राशि में ही हो रहा है|अतः धनु राशिस्थ-चन्द्र एंव मूल नक्षत्र में घटित होने से मूल नक्षत्र एंव धनु राशि में जन्म लेने वाले किंवा धनु नामराशि वाले व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण विशेष कष्टप्रद है|

  जन्म किंवा नामराशि के आधार पर विभिन्न राशि वाले व्यक्तियों के लिए इस ‘सूर्य ग्रहण’का फल निचे कोष्ठक में दिया गया है –

            फल  जन्म/नाम राशि
      अपमान    मेष
      महाकष्ट    वृष
    स्त्री/पति कष्ट    मिथुन
      सुख    कर्क
      चिंता    सिंह
      कष्ट    कन्या
      धनलाभ    तुला
      हानि    वृश्चिक
      घात    धनु
      हानि        मकर
      लाभ    कुम्भ
      सुख    मीन

पौष मास में ग्रहण फल – क्योंकि यह सूर्य ग्रहण पौषी अमावस (पौष मास ) में हो रहा है;अतः बुद्धिजीव वर्ग एंव शास्त्र धारी किंवा युद्धप्रिय वर्ग में परस्पर उपद्रव की सम्भावना रहेगी|सिंध प्रदेश,कुकुर प्रदेश,विदेह(मिथिला-प्रदेश) भारी कष्टप्रद परिस्थिति में रहे|इस वर्ष कुछ प्रान्तों में वर्षा से हानि,कहीं दुर्भिक्ष से परेशानी का सामना करना पड़े –

         “पौषे द्विज-क्षत्र-जनोपरोधः

            ससैन्धवाराब्यः कुकुरा विदेहाः |

         ध्वंस ब्रिजन्त्यत्र च मंद वृष्टिम्

            भयं च विन्द्दाद सुभिक्ष-युक्तम् ||”

सूर्यग्रहण वेला में ग्रहस्थिति-जन्य प्रभाव – 26 दिसम्बर,सन 2019ई.को इस(कंकण)सूर्यग्रहण के समय 25 दिसम्बर को 16 घं.41 मि.से ही 27 दिसम्बर तक(ग्रहण वेध-अवधि के लगभग तक)गुरु,सूर्य,शनि,चन्द्र,बुध,एंव केतु – ये षड्ग्रह सूर्यग्रहण कालीन राशि(धनु)में रहेंगे|उल्लिखित ग्रहस्थिति भारतीय राजनीति में प्रतिष्ठित व्यक्तियों,व्यापारियों,चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों एंव सैन्य-अधिकारियों के लिए भयावह है यह स्थिति पाक,अमरिका,इजराइल,उ.कोरिया,एंव भारत आदि की शासन-व्यवस्थामे उलटफेर का संकेत देती है|भारत एंव भारतेतर कुछ मुस्लिम राष्ट्रों एंव चीन,जापान,आदि में भी भयंकर प्राकृतिक आपदा(भूकंप,विस्फोट आदि) से भारी जनधन हानि के योग बनते हैं|प्रतिष्ठित व्यक्ति का पद रिक्त होने का भी संकेत मिलता है –

             “क्रूर-संयुक्ते सुर्येद्वोर्ग्रहणे नृपति क्षयः |

              राष्ट्र्भंग मिति प्राहुर्प्रज्ञ वै मुनीश्वराः ||”

ग्रहण कालीन षड्ग्रही योग विश्व के प्रतिष्ठित शासकों के लिए भयावह है;-“षड्वे ग्रहा घ्नन्ति समस्त-भूपान् |”

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