श्री आदित्यहृदयस्तोत्रम् वाल्मीकि रामायण के अनुसार “आदित्य हृदय स्तोत्र” अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान् श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति हेतु दिया गया था. आदित्य हृदय स्तोत्र का नित्य पाठ जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र निवारण है. इसके नियमित पाठ से मानसिक कष्ट, हृदय रोग, तनाव, शत्रु …
Read More »मांगलिकदोष व विवाह बाधा निवृति कारक श्री मंगलचंडिका स्तोत्रम्
यदि आपकी कुण्डली में मांगलिक दोष व विवाह में बाधा आरही है, तो आपको घबराने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है, क्योकि माँ मंगलागौरी मंगलचण्डिके आपकी सब बाधाओ को दूर करके मन वांछित फल प्रदान करेगी,यदि आप उनकी निम्न स्तुति का पाठ करते है तो- विधि- किसी भी महीने के …
Read More »जो कुम्भ या माघ में प्रयागराज न जा सके,वे पुण्यलाभ कैसे करें ?
जो प्रयागराज न जा सके,वे पुण्यलाभ कैसे करें ? जो श्रद्धालु लोग प्रयाग न जा सके तो वे केवल माघ मास में अथवा केवल इस अर्धकुम्भ पर्व के दिन किसी भी समीपस्थ महानदी के संगम पर;वहां भी न जा सके तो किसी महानदी में;वहां भी न पहुँच सकें तो किसी …
Read More »2019 के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय तथ्य, चार विशेष योग में नववर्ष का हुआ सूर्योदय
2019 के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय तथ्य, चार विशेष योग में नववर्ष का हुआ सूर्योदय- वर्ष 2018 की विदाई के साथ ही नववर्ष 2019 लोगो केलिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा, नए साल का शुभारम्भ मंगलवार स्वाति नक्षत्र, एकादशी तिथि के साथ चार विशेष योगो के संयोग में हा रहा है| नए …
Read More »प्रयागराज में अर्धकुम्भ व शाही-स्नान की सम्पूर्ण जानकारी…4 फरवरी 2019 से
प्रयागराज में अर्धकुम्भ योग “माघी अमावस के दिन यदि वृश्चिक में गुरु एवं सूर्य-चंद्र दोनों मकर राशी में हो तो प्रयागराज में अर्धकुम्भ का योग बनता है|’’ इस महापुण्यप्रद योग के समय “प्रयागराज’’ में त्रिवेणी-संगम पर मंत्रजाप,स्नान-दान आदि का भारी महात्म्य है| इस वर्ष (संवत् 2075 वि. में) माघी अमावस …
Read More »एकदंतगणेशस्तोत्रम्
॥ एकदंतगणेशस्तोत्रम् ॥ श्रीगणेशाय नमः । मदासुरं सुशान्तं वै दृष्ट्वा विष्णुमुखाः सुराः । भृग्वादयश्च मुनय एकदन्तं समाययुः ॥ १॥ प्रणम्य तं प्रपूज्यादौ पुनस्तं नेमुरादरात् । तुष्टुवुर्हर्षसंयुक्ता एकदन्तं गणेश्वरम् ॥ २॥ देवर्षय ऊचुः सदात्मरूपं सकलादि-भूतममायिनं सोऽहमचिन्त्यबोधम् । अनादि-मध्यान्त-विहीनमेकं तमेकदन्तं शरणं व्रजामः ॥ ३॥ अनन्त-चिद्रूप-मयं गणेशं ह्यभेद-भेदादि-विहीनमाद्यम् । हृदि प्रकाशस्य धरं स्वधीस्थं …
Read More »गजाननस्तोत्रम्
॥ गजाननस्तोत्रम् ॥ नमस्ते गजवक्त्राय गजाननसुरूपिणे । पराशरसुतायैव वत्सलासूनवे नमः ॥ १॥ व्यासभ्रात्रे शुकस्यैव पितृव्याय नमो नमः । अनादिगणनाथाय स्वानन्दवासिने नमः ॥ २॥ रजसा सृष्टिकर्ते ते सत्त्वतः पालकाय वै । तमसा सर्वसंहर्त्रे गणेशाय नमो नमः ॥ ३॥ सुकृतेः पुरुषस्यापि रूपिणे परमात्मने । बोधाकाराय वै तुभ्यं केवलाय नमो नमः ॥ ४॥ …
Read More »श्रीगणपतिस्तवः
॥ श्रीगणपतिस्तवः ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ ब्रह्मविष्णुमहेश्वरा ऊचुः। अजं निर्विकल्पं निराकारमेकं निरालम्बमद्वैतमानन्दपूर्णम् । परं निर्गुणं निर्विशेषं निरीहं परं ब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥ १॥ गुणातीतमाद्यं चिदानन्दरूपं चिदाभासकं सर्वगं ज्ञानगम्यम् । मुनिध्येयमाकाशरूपं परेशं परं ब्रह्मरूपं गणेशं भजेम ॥ २॥ जगत्कारणं कारणाज्ञानहीनं सुरादिं सुखादिं युगादिं गणेशम् । जगद्व्यापिनं विश्ववन्द्यं सुरेशं परं ब्रह्मरूपं …
Read More »ऋण कर्ज से छुटकारा पाने के लिए करे ऋणहरगणेशस्तोत्रम् का पाठ
॥ ऋणहरगणेशस्तोत्रम् ॥ सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं लम्बोदरं पद्मदले निविष्टम् । ब्रह्मादिदेवैः परिसेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणमामि देवम् ॥ १॥ सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये । सदैव पार्वतीपुत्रः ऋणनाशं करोतु मे ॥ २॥ त्रिपुरस्यवधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः । सदैव पार्वतीपुत्रः ऋणनाशं करोतु मे ॥ ३॥ हिरण्यकशिप्वादीनां वधार्ते विष्णुनार्चितः । सदैव पार्वतीपुत्रः ऋणनाशं …
Read More »सभी मनोकामनापूर्ति के लिए करे गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ
॥ शान्ति पाठ ॥ ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवा ।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ॥ स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवांसस्तनूभिः ।व्यशेम देवहितं यदायुः ॥ ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः ।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ॥ स्वस्तिनस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः ।स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ तन्मामवतुतद् वक्तारमवतुअवतु माम्अवतु वक्तारम्ॐ शांतिः । शांतिः ॥ शांतिः॥। ॥ उपनिषत् ॥ हरिः ॐ नमस्ते गणपतये …
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