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प्रयागराज में अर्धकुम्भ व शाही-स्नान की सम्पूर्ण जानकारी…4 फरवरी 2019 से

प्रयागराज में अर्धकुम्भ योग

“माघी अमावस के दिन यदि वृश्चिक में गुरु एवं सूर्य-चंद्र दोनों मकर राशी में हो तो प्रयागराज में अर्धकुम्भ का योग बनता है|’’ इस महापुण्यप्रद योग के समय “प्रयागराज’’ में त्रिवेणी-संगम पर मंत्रजाप,स्नान-दान आदि का भारी महात्म्य है| इस वर्ष (संवत् 2075 वि. में) माघी अमावस के दिन 4 फ़रवरी 2019 को गुरु वृश्चिक में तथा सूर्य-चन्द्र (दोनों) मकर राशी में होंगे | अत: इसदिन 4 फ़रवरी 2019 को प्रयागराज में अर्धकुम्भ का योग बन रहा है|

अर्धकुम्भ पर पुरातन परम्परा के अनुसार महात्माओ के शाही स्नान के अवसर पर धर्मपरायण जनता पुण्यात्मा संतो के दर्शनों का लाभ प्राप्त कर सकेगी | षड्दर्शन के 13 अखाड़ो के सन्यासी संत, वैष्णव,उदासीन,व निर्मल संप्रदाय के संत महात्मा भी त्रिवेणी संगम पर शाही स्नानार्थ पधारेंगे| धर्म-परायण जनता भी निम्नांकित तिथियों में त्रिवेणी-संगम पर महात्माओ के दर्शन एवं स्नान-दान जाप आदि करके पुण्यार्जन कर सकेंगे|

प्रमुख शाही स्नान तिथियाँ निम्नांकित है-

  1. मकर संक्रान्ति (14 जनवरी 2019 सोमवार)

  2. पौष शुक्ल एकादशी (17 जनवरी 2019 गुरुवार)

  3. पौष शुक्ल पूर्णिमा (21 जनवरी 2019 सोमवार)

  4. माघी अमावस्या (4 फरवरी 2019 सोमवार )

अर्धकुम्भ प्रयागराज का प्रमुख स्नान इसी दिन (मौनी अमावस वाले दिन ही) होगा|

इस अर्धकुम्भ का प्रमुख शाही स्नान माघी अमावस को ही माना जाएगा| इसदिन ‘सोमवती अमावस’ होने से स्नान-दान आदि का विशेष महत्त्व शास्त्रों में वर्णित है| और इसी दिन 7 बजकर 57 मिनट से लेकर सूर्यास्त पर्यंत “महोदय योग” भी घटित होगा, जिससे स्नान आदि का महात्म्य इसदिन कोटि (करोड़) गुणा हो जाएगा |

  1. माघ शुक्ल पंचमी (9 फरवरी 2019 शनिवार) {वसंत पंचमी के दिन}

  2. माघ शुक्ल सप्तमी (12 फरवरी 2019 मंगलवार)

इसदिन रथ सप्तमी है| इसदिन सूर्योदय से पहले “अरुणोदय काल” में त्रिवेणी-संगम में स्नान-दान का विशेष महात्म्य पुराणों में वर्णित है|

  1. कुंभ संक्रान्ति पुण्यकाल (13 फरवरी 2019 बुधवार) इसदिन मध्यान्ह बाद तक कुंभ संक्रान्ति का पुण्यकाल रहेगा|

  2. माघी पूर्णिमा (19 फरवरी 2019 मंगलवार) – इसदिन तिर्थोदक स्नान का विशेष महात्म्य माना गया है| यह इस पर्व की अंतिम स्नान तिथि होगी| इसदिन एक मास से चला आरहा अर्धकुम्भ स्नान संपन्न हो जाएगा|

  3. ऊपर हमने प्रमुख सभी स्नान तिथियो के बारे में बता दिया है, संभव हो तो इन सभी स्नान तिथियों के दिन त्रिवेणी-संगम स्थल पर स्नान कर अक्षुण्ण-पुण्य अर्जित करने का प्रयत्न करना चाहिए| जो लोग इसदिन कुम्भपर्व पर एक मास तक प्रयाग में वास करेंगे,उन्हें पूरा माघ मास प्रतिदिन त्रिवेणी-संगम में स्नान करना ही चाहिए ||


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