दीपावली त्यौहार को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं,परम्पराएँ और रीति-रिवाज़ प्रचलित हैं|उनमें से कुछ तो हिन्दू धर्म में उल्लेख हैं,लेकिन अधिकतर का स्थानीय संस्कृति और पहले से चली आ रही परम्परा से सम्बन्ध है|आओ जानते हैं इस त्यौहार को मनाने के कारण|
कहा जाता है कि इस दिन भगवान ने राजा महाबली को पाताल लोक का इन्द्र बनाया था|तब इंद्र ने बड़ी प्रसन्नता पूर्वक दिवाली मनाया कि मेरा स्वर्ग का सिंहासन बच गया|
- इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्य कश्यप का वध किया था|
- इस दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी और भगवान को अपना पति स्वीकार किया|
- जब श्री रामचंद्र जी लंका से वापिस आए तो इसी अमावस्या को उनका राजतिलक किया गया था|
- इसी दिन राजा विक्रमादित्य ने अपने संवत् की रचना की थी|बड़े-बड़े विद्वानों को बुलाकर मुहूर्त निकलवाया था कि नया संवत् चैत सुदी प्रतिपदा से चलाया जाए|
- इसी दिन आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद का निर्वाण हुआ था|
- इस दिन के ठीक एक दिन पहले श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था|दूसरे दिन इसी उपलक्ष्य में दीपावली मनाई जाती है|
- इसी दिन गुप्तवंशीय राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने ‘विक्रम संवत’की स्थापना करने के लिए धर्म,गणित और ज्योतिष दिग्गज विद्वानों को आमंत्रित कर मुहूर्त निकलवाया था|