Latest
Home / Blog / यदि चाहते हैं? धन और पुत्र प्राप्ति तो जरुर करे ये व्रत

यदि चाहते हैं? धन और पुत्र प्राप्ति तो जरुर करे ये व्रत

यह व्रत माघ कृष्ण पक्ष “एकादशी” को किया जाता हैं, इसके अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं| पंचामृत में तिल मिलाकर भगवान को स्नान कराए| तिल मिश्रित पदार्थ को स्वयं खाए तथा ब्राह्मणों को खिलाए| दिन में हरिकीर्तन कर रात्रि में भगवान की मूर्ति के सामने सोना चाहिए| छह प्रकार के तिल प्रयोग होने के कारण इसे षट्-तिला एकादशी के नाम से पुकारते है| इस प्रकार नियम पूर्वक पूजा करने से वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती हैं|

कथा-

कथा इस प्रकार प्रसिद्द हैं, कि प्राचीन काल में वाराणसी में एक गरीब अहीर रहता था| दीनता से काहिल वह बेचारा कभी-कभी भूखा ही बच्चो सहित आकाश के तारे गिनता रहता| उसकी जिंदगी बसर करने का सहारा केवल जंगल की लकड़ी थी| वह भी जब न बिकती तो फाके मारकर रह जाता| एक दिन वह अहीर किसी साहूकार के घर लकड़ी पहुचाने गया| वहां जाकर देखता हैं, कि किसी उत्सव की तैयारी की जा रही हैं| जानने की उत्कंठा से वह साहूकार से पूछ बैठा – बाबु जी यह किस चीज़ की तैयारी की जा रही हैं|

तब सेठ जी बोले की यह षट्-तिला एकादशी व्रत की तैयारी की जा रही है| इससे घोर पाप, रोग, आदि भव-बन्धनों से छुटकारा तथा धन-पुत्र की प्राप्ति होती है| यह सुनकर वह अहीर घर जाकर अपनी स्त्री सहित उस दिन के पैसे का सामान खरीद कर एकादशी का विधिवत् व्रत रखा| जिसके परिणाम स्वरुप वह कंगाल से धनवान हो गया और वाराणसी नगरी में एक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाने लगा|| हरि ॐ ||

Check Also

astro welfare

रक्षाबंधन (श्रावणी पूर्णिमा) कब बांधे बहनें अपने भाइयों को राखी?

रक्षाबंधन (श्रावणी पूर्णिमा) अपराह्ण व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा में रक्षाबंधन किया जाता है| भद्रा में यह …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!