1.ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) श्री मार्तंड,निर्णयसागर,त्रिकाल,भास्कर आदि पंचान्गानुसारेण| ऋग्वेदियों के इस उपाकर्म (ऋक् उपाकर्म)के तीन काल हैं- (i)श्रावण शुक्ल में श्रवण नक्षत्र| (ii)श्रावण शुक्ल पंचमी (iii)श्रावण शुक्लान्तर्गत हस्त नक्षत्र| इनमे श्रवण नक्षत्र इनके उपाकर्म का मुख्यालय है|श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढ़ा से अविद्ध (अस्पृष्ट)हो,संक्रांति/ग्रहण से अदूषित हो,तब यह उपाकर्म किया जाता है|इस …
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