वेठ पाठ के आरंभिक मंत्रोच्चारण से पूर्व ‘हरि ॐ’का उच्चारण करना वैदिकों की परंपरागत प्रणाली है,इसका तात्पर्य यह है कि वेद के अशुद्ध उच्चारण में महापातक लगता है और अत्यधिक सावधान रहने पर भी मनुष्य सुलभ स्वर वर्ण वृद्धावास्थाजन्य अशुद्धि हो जाने की पूरी सम्भावना रहती है| अतः इस संभावित …
Read More »भगवान श्रीकृष्ण लोकप्रिय क्यों ?
श्रीराम बारह कला पूर्ण अवतार थे और श्रीकृष्ण सोलह कला से परिपूर्ण थे|संयोगवश जिस अवतार को जितनी अधिक लीलाएँ प्रकट करने का और जितनी अधिक कलाओं का प्रदर्शन का अवसर मिला,तदनुसार व्यव्हार में वह उतनी ही कला का कहा जाने लगा|राम और कृष्ण दोनों ही विष्णु के अवतार हैं| इनके …
Read More »क्या आप जानते हैं वास्तव में क्या है’स्वास्तिक’ चिह्न ?
क्या आप जानते हैं वास्तव में क्या है’स्वास्तिक’ चिह्न ? वैदिककाल से ही हमारी सनातन संस्कृति में स्वास्तिक चिह्न को विशेष महत्व दिया गया है। आम धारणा में भले ही स्वास्तिक चिह्न को हिन्दुओं का प्रतीक चिह्न माना जाता हो लेकिन सच तो ये है कि विश्व की कई सभ्यताओं में …
Read More »अद्भुत वीर तोगोजी राठौड़
मारवाड़ का इतिहास वीरों की गाथाओं से भरा पड़ा है। वीरता किसी कि बपौती नहीं रही। इतिहास गवाह है कि आम राजपूत से लेकर खास तक ने अपनी सरजमीं के लिए सर कटा दिया। लेकिन इसे विडम्बना ही कहेंगे कि इतिहास में ज्यादातर उन्हीं वीरों की स्थान मिल पाया जो …
Read More »मांद्य चंद्र ग्रहण विशेष जानकारी 10 जनवरी 2020 भारत में दिखेगा ❌ लेकिन सूतक और ग्रहण का असर नहीं रहेगा
🙏🌞मांद्य चंद्र ग्रहण विशेष जानकारी 10 जनवरी 2020 भारत में दिखेगा ❌ लेकिन सूतक और ग्रहण का असर नहीं रहेगा। 🌒इस साल की शुरुआत में शुक्रवार 10 जनवरी 2020 यानी पूर्णिमा को मांद्य चंद्र ग्रहण लगेगा। मांद्य चंद्र ग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। ग्रहण काल में पूजा-पाठ …
Read More »जीवन में सकारात्मक ऊर्जा कैसे बढ़ायें:सुनील शर्मा
‘‘उत्साहाद् निश्चियात् धैर्यात् तत् तत् कर्मा प्रर्वतनात्,संगात् त्यागात् सतो व्रतह् शड्भीर भक्तिह प्रसिद्धति’’जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा बनाये रखने के लिए हमें अपने जीवन में ऊपर दिए हुए श्लोक को आत्मसात् करना चाहिए। अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए या किसी भी क्षेत्र में ऐच्छिक सफलता पाने के लिए हमें इस …
Read More »मौन धारण क्यों ?
नित्य मौन के विषय में धर्म शास्त्र कहता है – उत्सर्ग मिथुने चैव प्रस्त्रवे दन्तधावने|श्राद्धे भोजनकाले च षट्सू मौनं समाचरेत||अर्थात् मल-मूत्र श्लेष्मा,नाक-कान का मैल,पसीना और आँखों के चिपड़े की सफाई करते समय,मैथुन के अवसर पर,शरीर के घाव से रक्त बहने पर,दांत का मंजन करते हुए,श्राद्ध काल में तथा भोजन करते …
Read More »क्यों चढ़ाया जाता है सूर्य को जल ?जानें जल चढ़ाते समय कौन सा मन्त्र काम में लें ?
सूर्य ग्रहों के स्वामी हैं|पञ्च देवों में से एक हैं|सूर्य को प्रत्यक्ष देवता स्वीकार गया है|सूर्य काल के नियामक हैं|जीवन को व्यवस्था सूर्य से ही मिलती है|पुरानों में सूर्योपासना को सर्वरोगों को हरने वाले कहा गया है| हिन्दू संस्कृति में अर्घ्यदान(जल देना)सामने वाले के प्रति श्रद्धा और आस्था का …
Read More »मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढी पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है ?
परम्परा हैं कि किसी भी मन्दिर में दर्शन के के बाद बाहर आकर मंदिर की पैदी या आटले पर थोड़ी देर बैठना|क्या आप जानते हैं इस परम्परा का क्या कारण है? आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर/व्यापार/राजनीति इत्यादि की चर्चा करते हैं,परन्तु यह प्राचीन परंपरा एक …
Read More »कंकणाकृति खंडग्रास सूर्यग्रहण (26 दिसम्बर,2019ई.)
ज्योतिर्विद गजानन शास्त्री ने बताया कि यह कंकणाकृति,खंडग्रास सूर्यग्रहण 26 दिसम्बर सन्2019 ई.को पौषी अमावस गुरुवार के दिन समस्त भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा| दक्षिण भारत में कर्नाटक,केरल व तमिल नाडू के कुछ नगरों में इस ग्रहण की कंकणाकृति भी देखने को मिलेगी| यह ग्रहण विश्व के …
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