Latest
Home / Blog / नाग पंचमी कैसे करे सावन में शिव पूजन।

नाग पंचमी कैसे करे सावन में शिव पूजन।

🌸नाग पंचमी🌸

✍️सावन विशेष….

👉हर काम रूक रहा हो, और जीवन में अशांति हो, शारीरिक कष्ट बार बार बन रहे हों तो ऐसे में व्यक्ति बहुत निराश हो जाता है… कुंडली में अनिष्टकारी ग्रहों की दशा गोचर का प्रभाव चल रहा हो तो भी बार बार ऐसे कष्टों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में कष्ट निवारण के लिए सावन की नाग पंचमी को रूद्राभिषेक कराने का उपाय बहुत प्रभावी रहता है….

👉वैसे तो ऐसी स्थिति में पूर्णतः विधिवत रूप में रूद्राभिषेक पुजारी जी से करा लेना चाहिए तो उचित रहता है, परंतु कई बार व्यक्ति आचार्य जी से नहीं करा पाए यां जैसे अब हालात हैं तो ऐसे में बहुत से मैसेज आ रहे कि स्वंय घर में शिवलिंग रखा हो तो रूद्राभिषेक कैसे करें….

👉तो यहाँ मैं एक अत्यंत सरल विधि बता रहा हूँ जिसका प्रयोग आप घर में स्वयं कर सकते हैं, कष्ट का समय चल रहा ह़ तो यह नियमित करते रहने से आप स्वयं आपने जीवन में परिवर्तन देखेंगे..

👉यह अभिषेक प्रयोग घर में भी किया जा सकता है और शिवमंदिर में भी कर सकते हैं…

🚩🔱🌺🔱🚩

👉इसके लिए सुबह स्नान कर शुद्ध होकर स्वयं पर गंगाजल छिड़कें और फिर अभिषेक करें, जिनके पास घर में शिवलिंग है तो निम्न प्रकार से उसका पूजन करें.

👉सब से पहले भगवान गणेश, गौरी, नंदी, नाग, और फिर शिव का आवाहन करें, पुष्प का आसन दे..
👉फिर शुद्ध जल से अभिषेक (शिवलिंग पर डालें) करें, उसके बाद दूध (गाय का दूध) से अभिषेक करें…फिर दही से करें, उसके बाद देसी घी से करे, फिर शहद से अभिषेक करें, पश्चात् शक्कर, उसके बाद पंचामृत, फिर गंगाजल से अभिषेक करें…

👉 धन की समस्या हो तो गन्ने के रस से और पाँच तरह के फलों के रस से अभिषेक करें,

👉यहाँ यह ध्यान रखें कि अभिषेक करते हुए जब एक द्रव्य से अभिषेक किया जाता है तो उसके बाद जल से उसको अच्छी तरह साफ करके ही दूसरी वस्तु डाली जाएगी…

👉इसके बाद मोली, जनेऊ, चंदन, अक्षत (साबुत चावल, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक, अबीर, गुलाल, इत्र, धूप, दीप, प्रसाद, फल, दक्षिणा अर्पण कर के साष्टांग प्रणाम करें,

👉यह सब करने के बाद शिवलिंग का श्रृंगार करे, नाग के चंदन लगायें, मोली से परिवेष्टित करे.. पूरा अभिषेक करते समय ” ॐ नमः शिवाय ” का जप करते रहें फिर तांडव, महिम्नस्तोत्र, रुद्राष्टकम् का पाठ करे…

👉नियमित सावन में यह क्रम बनाया जाए तो बहुत ही उत्तम फल मिलते हैं , या मासिक शिवरात्रि, प्रदोष, या सोमवार को पूर्ण विधि से यह अभिषेक का नियम रखें तो जीवन में सुखद परिवर्तन आते हैं…

नमः शिवाय 🚩🔱

Check Also

astro welfare

2022 में ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) शुक्ल-कृष्ण-यजु -उपाकर्म रक्षाबंधन कब और क्यों?

1.ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) श्री मार्तंड,निर्णयसागर,त्रिकाल,भास्कर आदि पंचान्गानुसारेण| ऋग्वेदियों के इस उपाकर्म (ऋक् उपाकर्म)के तीन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!