‘‘उत्साहाद् निश्चियात् धैर्यात् तत् तत् कर्मा प्रर्वतनात्,संगात् त्यागात् सतो व्रतह् शड्भीर भक्तिह प्रसिद्धति’’जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा बनाये रखने के लिए हमें अपने जीवन में ऊपर दिए हुए श्लोक को आत्मसात् करना चाहिए। अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए या किसी भी क्षेत्र में ऐच्छिक सफलता पाने के लिए हमें इस श्लोक को जीवन मंत्र बनाना चाहिए। इसके अनुसार हम अग्रलिखित 6 बातों को हर कार्य में प्रयोग करेंगे तो सफलता स्वतः ही हमारे कदम चूमेंगी।
1. उत्साह:- किसी कार्य में लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य करने वाले को उत्साहित होना अति आवश्यक है, यदि कार्य करने वाला खुद उत्साही है तो उसमें हर समय कार्य करने की इच्छा होती है। वह हमेषा उत्साही नजर आता है और वह व्यक्ति जिसमें उत्साह नहीं है वो उस पंजर टायर के समान है जिसको नहीं बदलने पर हम गाड़ी को गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचा सकते। इसलिए हमारी लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमें उत्साही होना जरूरी है क्योंकि जो आग दिल में लगी हो उसे बुझाया नहीं जा सकता है। दिव्य ज्ञान जो हृदय से हो जाए वो कर्म प्राप्ति की तरफ ही अग्रेषित होता है।
2. निश्चय:- कार्य को शुरू करने एवं पूर्ण करने का निश्चय ही सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का कार्य करता है। केवल उत्साह से कार्य नहीं होता है। उत्साह के साथ-साथ किसी कार्य को करने का दृढ़ निष्चिय भी होना चाहिए। इच्छाषक्ति के साथ-साथ निश्चय भी मजबूत होना चाहिए जो किसी भी परिस्थिति में डीगे नहीं।
3. धैर्य:- उत्साह किसी कार्य के प्रति जब ज्यादा हो जाए और प्रत्युत्तर में सफलता प्राप्त ना हो तो हर किसी का मन डगमगाने लगता है। उस समय हमें धैर्य की आवश्यकता होती है। हमें हमेशा अपने अभी तक के सफर का एहसास होना चाहिए। हमारा सफर आगे बढ़ने के लिए है ना कि यहां तक आने के लिए। मंजिल प्राप्ति एवं उत्तरोत्तर प्रगति के लिए हमें कठिन परिस्थितियों में धैर्य का परिचय देते हुए डटे रहना होगा।
4. लक्ष्य:- लक्ष्य को जीवन में एक स्थान दें। हमेशा अपने लक्ष्य के बारे में सोचते रहे तथा उसके लिए अनुकूल कार्य करते रहे। हमारे कार्यों में हमेशा एक सफलता में केन्द्रित कार्यशैली होनी चाहिए।
5. गलत संगत:- हमारे कार्यों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए हमारे आस-पास का वातावरण सकारात्मक एवं दिन-प्रतिदिन हमारे साथ कार्य करने वाले या साथ में रहने वाले लोग भी सकारात्मक ऊर्जा वाले होने चाहिए। गलत आदतों वाला साथी हमें हमारे लक्ष्यों तक नहीं पहुंचने देगा, वो अपनी नकारात्मकता से बीच में बाधा जरूर बनेगा। अतएव गलत संगत को हमेशा त्यागते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
6. सतोव्रतह:- लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमें हमारे मार्गदर्शक व अच्छे साथियों की भी जरूरत होती है। उनके मार्गदर्शन तथा अच्छे साथ से हम अपनी ऊर्जा का उपयोग सही दिशा में बढ़ा सकते है। अतः अच्छे साथियों को ढूंढते चलिए तथा गलत लोगों को पीछे छोड़ते रहिए। सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी……….- सुनिल शर्मा रोड़ा,नोखा|