चान्द्रायण व्रत आश्विन पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक चलने वाला एक मासिक व्रत है, इसमें आश्विन पूर्णिमा को बादाम व सिंघोड़ा के मिश्रित आटे से 16 तोला (16 ग्रास) हलवा बनाना चाहिए, और अमावस्या तक घटते क्रम में फलाहार ले | कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से पुन: बढते क्रम में बादाम सिंघाड़ा के हलवा का फलाहार लेना चाहिए| एकादशी व अमावस्या को गो को देवे|
उद्यापन में 33 जोड़ा भोजन, सुख सहेज दान,श्रृंगार सामग्री दान, कथा हवनादि विद्वान ब्राह्मण द्वारा करवाए|