Latest
Home / Blog / भूत की सच्ची राजस्थानी घटना

भूत की सच्ची राजस्थानी घटना

भूत की सच्ची राजस्थानी कहानी
एक बार जब ठाकुर जयसिंह घोड़े पर सवार होकर जोधपुर से रठासी गांव ; रठासी गांव यह जोधपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐतिहासिक गांव हैद्ध की ओर जा रहे थे तब रास्ते में ठाकुर साहब का घोड़ा उनके साथ.साथ चलने वाले सेवकों से पीछे छूट गया और इतने में रात हो गई।

राजा का घोड़ा काफी थक चुका था और उसे बहुत प्यास लगी थी। रास्ते में एक तालाब को देखकर ठाकुर जयसिंह अपने घोड़े को पानी पिलाने के लिए ले गए। आधी रात का समय था घोड़ा जैसे ही आगे बढ़ा राजा को एक आकृति दिखाई दी जिसने धीरे.धीरे इंसानी शरीर धारण कर लिया। राजा उसे देखकर डर गयाए उस प्रेत ने राजा को कहा कि मुझे प्यास लगी है लेकिन श्राप के कारण मैं इस कुएं का पानी नहीं पी सकता। राजा ने उस प्रेत को पानी पिलाया और राजा की दयालुता देखकर प्रेत ने उसे कहा कि वह जो भी मांगेगा वह उसे पूरी कर देगा।

राजा ने प्रेत को कहा कि वह उसके महल में एक बावड़ी का निर्माण करे और उसके राज्य को सुंदर बना देण् भूत ने राजा के आदेश को स्वीकारते हुए कहा कि वो ये कार्य प्रत्यक्ष रूप से नहीं करेगाए लेकिन दिनभर में जितना भी काम होगा वह रात के समय 100 गुना और बढ़ जाएगाण् उस प्रेत ने राजा को यह राज किसी को ना बताने के लिए कहा।

इस घटना के दो दिन बाद ही महल और बावड़ी की इमारतें बनने लगींण् रात में पत्थर ठोंकने की रहस्यमय आवाजें आने लगींए दिन.प्रतिदिन निर्माण काम तेज गति से बढ़ने लग। लेकिन रानी के जिद करने पर राजा ने यह राज रानी को बता दिया कि आखिर निर्माण इतनी जल्दी कैसे पूरा होता जा रहा हैण् राजा ने जैसे ही यह राज रानी को बताया सारा काम वहीं रुक गया। बावड़ी भी ज्यों की त्यों ही रह गईण् इस घटना के बाद किसी ने भी उस बावड़ी को बनाने की कोशिश नहीं की।

Check Also

astro welfare

2022 में ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) शुक्ल-कृष्ण-यजु -उपाकर्म रक्षाबंधन कब और क्यों?

1.ऋक् उपाकर्म (श्रावणी पूर्णिमा) श्री मार्तंड,निर्णयसागर,त्रिकाल,भास्कर आदि पंचान्गानुसारेण| ऋग्वेदियों के इस उपाकर्म (ऋक् उपाकर्म)के तीन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!