स्त्री – पुरुष अंग फड़कना – प्रतिफल
पुरुष दक्षिण अंग – स्त्री वाम अंग स्फुरण शुभ फल प्रदान करता हैं |
| स्थान | प्रतिफल | स्थान | प्रतिफल | स्थान | प्रतिफल |
| मस्तक | भूमिलाभ | नेत्र-कोण | सुख-सन्देश | हृदय | कामना-फल |
| ललाट | स्थान-लाभ | नेत्र-समीप | प्रिय-संगम | कटिबद्ध | व्यर्थ-कार्य |
| स्कंध | सुख-विकास | नेत्र-पक्ष्म | संपर्क-लाभ | कटि-पार्श्व | संपर्क-लाभ |
| भ्रूमध्य | सुखद-फल | नेत्रोर्ध्व | लाभद-योग | नाभि | स्त्री-खेद |
| भ्रुयुग्म | सुख-सुविधा | हस्त | हर्ष-विजय | आन्त्रिक | लाभ-योग |
| कपोल | शुभ-फलद | पादोपरी | स्थान-लाभ | भग | पति-सुख |
| नेत्र | लाभदयोग | वक्ष:स्थल | विजय-श्री | कुक्षि | सुप्रीति |
| उदर | लाभ-योग | हनु-ठोड़ी | सुख-वृद्धि | भुजमध्य | अर्थ-लाभ |
| लिंग | स्त्री-सुख | कंठ | लाभ-सुयोग | वस्तिदेश | विकास-योग |
| गुदा | वाहन-योग | ग्रीवाध: | विकार-भय | उरु | सुसंदेश |
| वृषण | पुत्र-लाभ | पृष्ठ | चिंता-खेद | जानु | चिंता-खेद |
| पादतल | ज्ञान-वृद्धि | मुख | संपर्क-सुयोग | जंघा | संपर्क-योग |
| ओष्ठ | इष्ट-सिद्धि | भुजा | सुख-सुविधा |
Astro Welfare