🌸उपाय सिद्धांत🌸
✍️ज्योतिषीय उपायों के पीछे के सिद्धांत..
👉कुछ महीने पहले में एक मित्र ने सवाल पूछा कि ” उसे किसी विद्वान ज्योतिषी ने मंगल के उपाय के तौर पर 🐒”बंदरों” को “गुड़-चने” खिलाने बोला है पर शहर में बंदर नहीं है सो क्या करें?”…
👉जब भी कोई “ज्योतिषिय उपाय” करें तो उसके पीछे के वैज्ञानिक,पारंपरिक या आध्यात्मिक कारण अवश्य जानना चाहिये, इससे आप उस उपाय को पूर्ण श्रद्धा के साथ करते हो…
👉ये उपाय उस अवस्था मे बताया जाता है जब कुंडली में आपके “योगकारक_ग्रह” को सूर्यदेव ने अस्त कर रखा हो, अब इस स्थिति में या तो अस्त ग्रह को बल दिया जाता है या सूर्यदेव को शांत किया जाता है, वैसे इस मामले में सूर्यदेव को शांत करने के बहुत तरीके है जैसे यदि सूर्यदेव यदि जलतत्व राशि में हो तो बहते पानी में ताँबे के सिक्के या गुड़ 43 दिन बहाना,लाल गाय को गेहूँ की रोटी खिलाना,अष्टम भाव में सूर्य बैठकर ग्रह को अस्त करें तो ताँबे के सिक्के जमीन में गाड़ दे आदि..परंतु सबसे प्रभावशाली उपाय बंदरो वाला ही है…
👉”हनुमान चालीसा” में स्पष्ट लिखा है:-” जुग सहस्त्र जोजन पर भानु , लील्यो ताहि मधुर फल जानू”
👉”गुड़” अर्थात “सूर्य देव”…हम सभी हर एक बंदर में “हनुमान जी” को देखते और पूजते है, अब बंदर को आप गुड़ खिलाओगे अर्थात “हनुमानजी ने सूर्य निगल लिया” तो स्पष्ट है कि सूर्य का कोप कम होगा और अस्त ग्रहों को बल मिलेगा, वो अपना पूर्ण प्रभाव देने में सक्षम होंगे…
👉अब समस्या ये आती है कि कोलकाता, मुंबई, पुणे, इंदौर, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में बंदर मिलना बहुत दुर्लभ होता है, सो अब क्या करें? दिमाग की बत्ती घुमाओ, बंदर मतलब क्या..एक साधारण और मस्ती करने वाला प्राणी,दिनभर उछलना-कूदना और मस्ती करना, अपने आसपास या अड़ोस-पड़ोस में छोटे 🤾🏻♂”बदमाश बच्चे”🤸🏻♂ जो मैदान में उछल-कूद करते है वो भी तो भगवान का ही अवतार है,
👉 वैसे भी हम बचपन से सीखते आये है- “चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है,हर बाला देवी की प्रतिमा,बच्चा-बच्चा राम है”..हर बच्चें में “राम-हनुमान” बसे है अतः आप उन्हें “चने-फुटाने” और साथ में “गुड़” देकर इस उपाय का लाभ ले सकते हो साथ ही पुण्य भी अर्जित कर सकते हो, सोचिये कितनी गौरवशाली संस्कृति हैं हमारे भारतवर्ष की जिसमें “ऋषि-मुनियों” ने हर गतिविधियों को आस्था, स्वास्थ्य और ज्योतिष से जोड़कर बताया हैं..शुभरात्री… 🙏