इस वर्ष में कुल ग्रहण astrowelfare.com
इस विक्रम संवत 2077 के अंतर्गत भू-मंडलीय गृह गणना नियामक 5 ग्रहणों का प्रारूप गनितागत प्राप्त हो रहा है|इसमें से 2 सूर्य ग्रहण तथा 3 मान्द्य चंद्रग्रहण होंगे|परन्तु भारतवर्षीय भू भाग देश में एक सूर्य ग्रहण तथा 2 मान्द्य चन्द्र ग्रहण दृश्य होंगे।
- कंकणाकृति /खंडग्रास सूर्य ग्रहण – संवत्2077 आषाढ़ कृष्ण पक्ष 30, अमावस्या रविवार तारीख 21.06.2020 ई.को होगा|इस विषयक संहिता प्रतिफल का राशि राशिफल सूतकादि हेतु स्पष्टता यह कि यह ग्रहण मृगशिरा एंव आर्द्रा नक्षत्र तथा मिथुन राशि मंडल पर मान्य है|अतः इन नक्षत्र राशि वालों को ग्रहण दर्शन नहीं करना चाहिए|अपितु अपने इष्ट देव की आराधना,गुरु मंत्र जाप,एंव धार्मिक ग्रन्थ का पठन –मनन करना चाहिए|
मेष,सिंह,कन्या,मकर राशि हेतु दर्शन करना शुभ|वृषभ,तुला,धनु,कुम्भ राशि,हेतु सामान्य मध्यम फल एंव मिथुन,कर्क,वृश्चिक,मीन राशि हेतु अशुभ, दर्शन अयोग्य है|
कहाँ-कहाँ देगा दिखाई?
यह ग्रहण भारत वर्षीय भू-भाग के अलावा म्यांमार,दक्षिणी रूस,मंगोलिया,बांग्लादेश,श्रीलंका,थाईलैंड,मलेशिया,कोरिया,जापान,इंडोनेशिया,पूर्वी ऑस्ट्रेलिया,अफ्रीका,ईरान इराक,अफगानिस्तान,नेपाल,पाकिस्तान,आदि में खंडग्रास रूप में दृश्य होगा|अफ्रीका के कुछ क्षेत्र,यमन,ओमान,दक्षिणी चीन का कुछ भाग,ताइवान तथा भारत में –पोखरी,उखीमठ,अगस्तमुनी,चौपटा झेलम,तेहरी,चम्बा,देहरादून,जगधारी,यमुनानगर,शरिफगढ़,कुरुक्षेत्र,थानेसर,नंदादेवी नेशनल पार्क,अनूपगढ़,श्री विजयनगर,अमरपुरा,जातन,सूरतगढ़,मेहरवाला,सिलवालाखुर्द,चमोली,जोशीमठ,पीपल कोटि,रुद्रनाथ,गोपेश्वर,आदि में कंकणाकृति सूर्यग्रहण दृश्य होगा|
इस प्रकार होगा सूतक यम-नियम
- इस ग्रहण का सूतक यम-नियम तारीख 20.06.2020 को रात्रि 10 बजकर 09 मिनट से मान्य होगा, तथा तारीख 21.06.2020 को ग्रहण का स्पर्श दिन में 10 बजकर 09 मिनट से मान्य तथा मोक्ष शुद्धिकाल दिन में 01 बजकर 36 मिनट पर स्पष्ट होगा|
- आपके शहर में कब दिखेगा ग्रहण?
शहर/नगर ग्रहण दृश्य | ग्रहण स्पर्श घ.मि. | ग्रहण मध्य घ.मि. | ग्रहण मोक्ष घ.मि. |
दिल्ली | 10:20 | 12:01 | 13:48 |
अहमदाबाद | 10:04 | 11:42 | 13:32 |
बेंगलोर | 10:13 | 11:47 | 13:31 |
चंडीगढ़ | 10:24 | 12:04 | 13:48 |
गुवाहाटी | 10:57 | 12:45 | 14:23 |
जयपुर | 10:14 | 11:55 | 13:44 |
लखनऊ | 10:26 | 12:11 | 13:58 |
रायपुर | 10:25 | 12:10 | 13:58 |
पटना | 10:37 | 12:24 | 14:09 |
कोलकाता | 10:46 | 12:35 | 14:17 |
भोपाल | 10:14 | 11:57 | 13:47 |
मुंबई | 10:00 | 11:37 | 13:27 |
सिलिगुड़ी | 10:47 | 12:35 | 14:16 |
श्रीनगर | 10:24 | 11:59 | 13:40 |
पुणे | 10:03 | 11:40 | 13:30 |
भुवनेश्वर | 10:38 | 12:26 | 14:09 |
हैदराबाद | 10:15 | 11:55 | 13:43 |
हुबली | 10:06 | 11:42 | 13:30 |
किस पर कैसा रहेगा प्रभाव?
यह सूर्यग्रहण महिला,नवविवाहिता,कन्या,विवाह योग्य,बालक-बालिका,उद्योगपति,मंत्री,धर्मनेता,पर भी प्रभार सूचक एंव दर्शन योग्य नहीं|ग्वार,ज्वार,मक्का,तेल,कपास रुई,बाजरा,मुंग,मोठ,उड़द,मूंगफली,बिनोला,जुट,चावल,बारदाना,मूल,केशर,पुस्तक,पत्र-पत्रिका प्रकाशन आदि वस्तु का कार्य व्यवसाय भावी लाभप्रद बन पावे|
- ग्रहण का राशियों पर प्रभाव – मेष में द्रव्य लाभ,वृषभ को धन हानि,मिथुन को घातक,कर्क को लाभ,सिंह को लाभ,कन्या को सुख,तुला को मानहानि,वृश्चिक को मृत्युवत कष्ट,धनु को स्त्री कष्ट,मकर को सुख,कुम्भ को चिंता,मीन को पीड़ा होगी|
- क्या करें क्या न करें?
- 1.सूर्य ग्रहण के सूतक काल से लेकर सूर्य ग्रहण के समाप्त होने तक अपने ईष्ट के मंत्रों का जाप करना चाहिए। यदि आप अपने ईष्ट के बारे में नहीं जानते तो किसी भी भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते हैं
- 2. सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले ही अपने खाने पीने की वस्तुओं में कुशा तुलसी दल अवश्य डाल लें।
- 3. यदि आपके बच्चे छोटे हैं तो उन्हें सूर्य ग्रहण के सूतक काल के समय बिल्कुल भी अकेला न छोड़ें और यदि वह नवजात हैं तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- 4. यदि आप गर्भवती हैं तो सूर्य ग्रहण के सूतक काल से ही आपको घर के अंदर रहना चाहिए। किसी भी प्रकार से सूर्य ग्रहण की छाया अपने गर्भ पर न पड़ने दें।
- 5. यदि आपके घर में मंदिर है तो सूर्य ग्रहण का सूतक लगने पर उसके दरवाजे बंद कर दें या फिर उस पर परदा डाल दें।
- 6.यदि आप किसी प्रकार की सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के सूतक काल से ही उस देवी या देवता की पूजा और उसके मंत्रों का जाप करें।
- 7. सूर्य ग्रहण का सूतक काल समाप्त होने के बाद अपने पीने के पानी को अवश्य बदलें यदि हो सके तो पूरे घर के ही पानी को बदल लें।
- 8. सूर्य ग्रहण का सूतक समाप्त होने के बाद अपने बच्चों को स्नान अवश्य कराएं और स्वंय भी स्नान करें।
- 9. सूर्य ग्रहण का सूतक लगने से पहले ही दान के लिए वस्तुएं निकाल लें और सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद किसी जरूरतमंद को यह दान दे दें।
- 10. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में पहने वस्त्रों को सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद किसी निर्धन व्यक्ति को दान में दे दें यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर फेंक दें।
- सूर्य ग्रहण के सूतक काल में क्या न करें (Surya Grahan Ke Sutak Kaal Mai Kya Na Kare)
- 1. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी सुनसान जगह या शमशान आदि जगह से बिल्कुल भी न गुजरें। क्योंकि इस समय में बुरी शक्तियां अत्यंत ही प्रभावी रहती हैं।
- 2. सूर्य ग्रहण के सूतक काल से ही गर्भवती महिलाओं को कुछ भी काटना नहीं चाहिए और न हीं किसी भी प्रकार से सूईं धागे का प्रयोग करना चाहिए।
- 3. सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ होने के बाद आपको भूलकर भी कुछ नहीं खाना चाहिए।
- 4. सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ होने के बाद आपको सोना नहीं चाहिए। यह नियम बच्चों, बिमार और वृद्ध लोगों के लिए मान्य नहीं है। 5. सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ होने के बाद तुलसी के पत्तों को बिल्कुल भी न तोड़ें। यदि आपको तुलसी का प्रयोग करना हैं तो आप सूर्य ग्रहण के सूतक काल से पहले तुलसी के पत्तों को तोड़ सकते हैं।
- 6. सूर्य ग्रहण का सूतक लगने पर भगवान की मूर्तियों को बिल्कुल भी स्पर्श न करें।
- 7. सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद किसी भी प्रकार से मांस और मदिरा का प्रयोग न करें नहीं तो आपको कई प्रकार की परेशानियां हो सकती है।
- 8. सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ होने के बाद शारीरीक संबंध बिल्कुल भी बनाएं क्योंकि ऐसा करने से आपके होने वाले बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है|
- 9.सूर्य ग्रहण का सूतक लगने पर सूर्य की और नंगी आंखों से बिल्कुल भी देखें। क्योंकि ऐसा करने पर आपकी आंखें खराब हो सकती है।
10. सूर्य ग्रहण का सूतक लगने पर किसी भी शुभ काम का प्रारंभ न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको इसके शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होंगे।