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मानसिक शांति और रोग निवारण के लिए महाशिवरात्रि पर विशेष ज्योतिषीय उपाय

मानसिक शांति और रोग निवारण के लिए महाशिवरात्रि पर विशेष ज्योतिषीय उपाय

महाशिवरात्रि – 21 FEB. 2020
शिवरात्रि व्रतम् नाम सर्वपाम् प्रणाशनम्।
आचाण्डाल मनुष्याणां भुक्ति मुक्ति प्रदायकम्॥

जन्म कुंडली में मौजूद सभी 9 ग्रह, व्यक्ति की कुंडली में अपनी स्थिति अनुसार जीवन को प्रभावित करती है | अगर शुभ ग्रह अच्छी स्थिति में हैं तो इसका फल भी मिलता है और अशुभ ग्रह अच्छी स्थिति में हैं तो व्यक्ति का मन हमेशा कारण- अकारण परेशान रहता है.|

ज्योतिष में तनाव का सीधा संबंध चन्द्रमा से होता है. चन्द्रमा की कमजोर व अन्य स्थितियों से अलग-अलग तरह के मानसिक तनाव होते हैं.| रोग का मस्तिष्क से सीधा संबंध पाया गया है एवेम मस्तिष्क का सीधा सम्बन्ध कुंडली के ग्रहो / चंद्रमा से होता है मस्तिष्क जैसा सोचता है वैसा ही शरीर करता है |

चंद्रमा के स्वामी भगवान शिव हैं, भगवान शिव की कृपा प्राप्त होने से चंद्रदेव की कृपा स्वतः प्राप्त हो जाती हैं।

मान्यता है कि शिवरात्रि पर पूजा पाठ , अनुष्ठान ,रुद्राभिषेक , व्रत, उपवास कराने और मंत्रोच्चार रात्रि जागरण करने से तन और मन की शुद्धि तो होती ही है, भय, रोग, कष्ट, काल सर्प दोष , दुर्घटना भय और अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलने लगता है।

जिन जातकों की कुंडली में पीड़ादायक ग्रहों की दशा या अंतर्दशा , अशुभ योग के कारण घर-परिवार में वियोग, कलह, अशांति, धन की कमी, दुःख, असहनीय कष्ट आदि आ रहे हों तो उन्हें शिवरात्रि पर शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए।

चारों प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में संकल्प करके दूध से शिव को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें तथा `ॐ ह्रीं ईशानाय नम:’ का जाप करें।

द्वितीय प्रहर में दधि स्नान करके `ॐ ह्रीं अधोराय नम:’ का जाप करें।

तृतीय प्रहर में घृत स्नान एवं मंत्र `ॐ ह्रीं वामदेवाय नम:

चतुर्थ प्रहर में मधु स्नान एवं `ॐ ह्रीं सद्योजाताय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मनोनुकूल फल प्राप्ति के लिए शिवजी की पूजा इस प्रकार करें-

  • भूमि, भवन आदि अचल संपत्ति के लिए गुड़ के जल से अभिषेक करें । मीठी रोटी का भोग चढ़ाएं। लाल चंदन व कनेर की फूल से पूजा करें।
  • परिवार में सुख-शांति के लिए दही से अभिषेक करें। शक्कर, चावल, सफेद चंदन व सफेद फूल से पूजा करें । –

-कालसर्प योग की शांति के लिए निरंतर महामृत्युंजय मंत्र के जप से, शिवोपासना से हनुमान जी की आराधना से एवं भैरवोपासना से यह योग शिथिल पड़ जाता है।

  • रोजगार के लिए गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। भगवान शंकर को भांग, दूब व पान अर्पित करें।
  • कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सुगंधित तेल या इत्र से भगवान का अभिषेक कर दही, शहद व श्रीखंड का भोग लगाएं। सफेद फूल से शिवजी की पूजा करें।
  • धन लाभ के लिए पंचामृत से अभिषेक करें। मावे की मिठाई का भोग लगाएं। लाल फूल से भगवान की पूजा करें।
  • रोगों से मुक्ति के लिए हल्दी युक्त दूध से अभिषेक कर बेसन की मिठाई का भोग लगाएं। पीले फूल से शिवजी की पूजा करें।
  • प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए तिल के तेल से अभिषेक कर मिठाई का भोग लगाएं । शमी के फूल से शिवजी की पूजा करें।
  • परिवार में प्रेमभाव बढ़ाने के लिए केसरयुक्त दूध से शिवजी का अभिषेक कर दही-चावल का भोग लगाएं। पीली सरसों और नागकेसर से पूजा करें।

-जिन कन्याओं के विवाह में किन्हीं परेशानियों की वजह से विलंब हो रहा हो तो उन्हें भी शिवरात्रि के दिन शिव एवं पार्वती का पूजन कर सोलह सोमवार के व्रत रखने चाहिए तथा रामचरित मानस वर्णित शिव-पार्वती विवाह के प्रसंग का पाठ करना चाहिए।

-शनि की साढ़े साती या ढईया से प्रभावित जातकों को शिवलिंग का सरसों के तेल से अभिषेक करते हुए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।

-अनाज के दान से सुख समृद्धि, चीनी और घी के दान से मान सम्मान, ऐश्वर्य और पारिवारिक सुख, तिल के दान से आरोग्य, दीर्घायु एवं धन के दान से आकस्मिक आपदाओ से रक्षा होती है|
भगवान शिव आरोग्य के देवता हैं। वे सभी बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं।


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